सन्1972में स्नातक प्रतिष्ठा की कक्षाओं के साथ आरंभ हुआ हिंदी विभाग सन् 2016 से स्नातकोत्तरविभाग के रूप में प्रतिष्ठित होकर कदम दर कदम राज भाषा ,राष्ट्र भाषा और विश्व भाषा हिंदी की सेवा एवं प्रचार-प्रसार में सतत् आगे बढ़ता जा रहा है ।
इस विभाग की खासियत रही है कि अत्यंत कमजोर पृष्ठभूमि एवं झारखंड के सुदूर जंगल-पहाड़ोंके मध्य से आने वाली छात्राओं में जागरुकता तथा पठन-पाठन के प्रति अभिरूचि कासंचार कर हिंदी भाषा –साहित्य के प्रति लगाव उत्पन्न कर विदुषी प्राध्यापिकाओं केकुशल एवं सक्षम मार्गदर्शन में उनके उज्जवल भविष्य के निर्माण का पथ अग्रसारित कियाजाता रहा है ।
समय-समय पर विशेष वरिष्ठ विषय विशेषज्ञों को आमंत्रित कर छात्राओं को विशेषज्ञानवर्धन किया जाता रहा है ।हिंदी भाषा के उज्जवल भूमंडलीय परिदृश्य मेंछात्राओं को वैश्विक पटल पर, वैश्विकता के दौर में सफल होने के लिए अनवरत प्रेरित किया जाता रहा है ।
रोजगारोन्मुखता के क्षेत्र में हिंदी विषय के प्रति मानसिक कुंठाग्रस्त छात्राओं के विविध प्रश्नोंका समाधान प्रस्तुत कर हिंदी भाषा की महत्ता से परिचित करा कर रोजगारोन्मुखी हिंदीके विविध आयामों यथा –सरकारी ,सार्वजनिक तथा निजी कार्यालयों,संस्थाओं,व्यावसायिक प्रतिष्ठानों,जनसंचार मीडिया- तंत्र, विदेशों के शिक्षण संस्थानों ,शोध –संस्थानों में हिंदी विषय विशेषज्ञों की बढ़ती मांगों की जानकारी छात्राओंको प्रदान कर आगे बढ़ने को प्रेरित किया जाता है । इस दिशा में विभिन्न क्षेत्रोंसे विशिष्ट विद्वानों को आमंत्रित कर छात्राओं का उन्मुखीकरण कराया जाता है ।
कोरोना महामारी के भयावह काल में भी ऑनलाइन पद्धति से छात्राओं को सफलता केमार्ग पर बढ़ने के लिए विविध शैक्षिककार्यक्रम, अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार आदि करा कर पठन-पाठन में विकास एवं हिंदी विषयके प्रति आधुनिक बोध कराया जाता रहा है ।इन्हीं सब प्रयासों सेअबतक विभागीय छात्राएँविश्वविद्यालयस्तर पर स्नातकऔर स्नातकोत्तर में उच्च सफलता प्रतिशत प्राप्त करती रही हैं ।
हिंदीसंकाय की सभी विद्वान प्राध्यापिकाएँ हिंदीभाषा एवं साहित्य में UGC नियमों के तहत नये-नये आयामों के प्रति विशेष रुचि रखते हुए समय के मानदंडके अनुसारअध्ययनरत तथा तरोताजा (Refresh)रहती हैं ।अंततः पूर्ण विश्वास के साथ कहा जा सकता है कि निर्मला कॉलेज,राँची का यह हिंदी विभाग एक समृद्ध और सफल विभाग के रूप में गौरवान्वित होता रहेगा।।